नमस्कार दोस्तों, इंडियन यूनिटी क्लब में आपका स्वागत है। कहानियाँ मानव जीवन में हमेशा से आवश्यक एवं मनोरंजन का साधन रही हैं। कहानियाँ ना हो तो मानव जीवन की कल्पना करना बहुत कठिन हैं। प्रेरणा दायक बाल कहानियाँ बच्चों में, छात्रों में काफी लोकप्रिय होती हैं, और बहुत जरुरी भी होती हैं। इस पोस्ट में हम प्रस्तुत कर रहें हैं एक शिक्षाप्रद कहानी जिसका शीर्षक है - "बिना देखे विचारे फैसले का गलत नतीजा"।
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कहानी: बिना देखे विचारे फैसले का गलत नतीजा
रामगढ़ नामक गांव में एक किसान था उसका नाम शंकरचंद था। वह अपनी पत्नी एवं नवजात बच्चे के साथ गांव के अंतिम छोर पर अपने खेत के पास बने एक कुटिया में रहता था। उसने अपने घर में एक नेवला पाल रखा था। नेवला बहुत स्वामीभक्त एवं चतुर था। वह नेवला पूरी तरह घर का सदस्य बन चुका था।
एक दिन की बात है शंकरचंद कुछ काम से सामान लेने शहर गया हुआ था। शंकरचंद की पत्नी अपने बच्चे को खिला-पिलाकर सुलाने के बाद पानी भरने घर के बाहर कुछ दूर पर बने एक कुएं में गई, इस दौरान उसने नेवला को बच्चे के पास बिठा दिया, नेवला चुपचाप स्वामीभक्ति में लीन बच्चे के निगरानी में लगा रहा।
किसान की पत्नी के चले जाने के बाद वहां एक काला जहरीला सांप खेत के दूसरे छोर पर बने बिल में से निकल घर तक आ गया। पत्नी ने बच्चे को जमीन पर गद्देदार बिस्तर बिछाकर सुलाया था। जब सांप घर के पास आया और भीतर दाख़िल हो बच्चे की ओर ही आ रहा था, तब नेवले ने यह देखा और उस जहरीले सांप के ऊपर टूट पड़ा। उसने सांप के साथ लड़ाई कर उसे काटकर टुकड़े-टुकड़े कर डाला और घर के दरवाजे पर वापस निगरानी करने लगा।
किसान की पत्नी घड़ा भर पानी लेकर लौटी उसने घर के बाहर दरवाजे पर नेवले को देखा और उसके मुह में लगा खून देख वह भयभीत हो गयी। उसने समझा कि नेवले ने बच्चे को काट लिया है। दुख और क्रोध के मारे पानी से भरा हुआ घड़ा उसने नेवले पर पटक दिया और वह बेचारा नेवला पानी भरे घड़े में कुचला कर मर गया |
किसान की पत्नी दौड़कर घर में आई तब उसने देखा कि उसका बच्चा शांति से बिस्तर पर सो रहा है, और कुछ दूरी पर एक काला जहरीला सांप मरा कटा पड़ा है। तब किसान की पत्नी को बात समझते देर ना लगी की उससे कितनी बड़ी गलती हो गयी है। वह फुट-फुट कर रोने लगी अब उसे ऐसा लगा की वह अपने बड़े पुत्र को खो चुकी है। वह दौड़ कर नेवले के पास गयी और उसे गोद में उठा कर पश्चाताप में विलीन रोती रही।
इस कहानी से सीख
- संयम और धैर्य से काम लेना चाहिए।
- स्थिति को जाने बिना निर्णय कभी न लें।
- कभी भी अपना काम जल्दबाजी में न करें।
- किसी भी कार्य के प्रति लापरवाही नही करनी चाहिए।
- हमेशा वफादार लोगों का सम्मान करें और उन पर भरोसा करें।
धन्यवाद!!!
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